Published: June १७ 209
पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले में माओवादियों के हमलों के बाद अराजकता की स्थिति बन गई है। माओवादियों ने क्षेत्र के दो पुलिस स्टेशनों पर कब्जा कर लिया है। माओवादियों के हमले से घबराए पुलिसकर्मियों ने खुद को थानों में बंद कर लिया है। आदिवासियों ने भी मदद के लिए उतरते हुए माओवादियों के आसपास तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा बना रखा है। जिले के बांकसोल क्षेत्र में एक स्थानीय नेता सहित तीन माकपा कार्यकर्ताओं की हत्या ने स्थिति को और बिगाड़ने का काम किया है। माओवादियों के समर्थन में आदिवासियों ने पुलिस को दूर रखने के लिए सड़कों पर गश्त लगाई और 100 से ज्यादा पेड़ गिराकर सड़कों को जाम कर दिया। उधर विशेष बल सहित 21 हजार अर्धसैनिक बल लालगढ़ के पास झारग्राम पहुंच चुके हैं।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया त्नमाओवादियों ने तीन स्तरीय सुरक्षा कवच तैयार किया है। इसमें महिलाएं और बच्चे सबसे आगे हैं, इसके बाद पुरुषों ने कमान संभाल रखी है। सबसे बाद में एके-47 जैसे हथियारों से लैस माओवादी है।त्न उन्होंने बताया कि पीपुल्स कमेटी की अगुवाई में पुलिस के कथित अत्याचार के खिलाफ एकजुट हुए माओवादियों के डर से पुलिस ने अपने शिविर खाली कर दिए हैं। उन्हें हथियार लूटे जाने का डर है। लालगढ़ और बेलपाहरी में एके-47 जैसे आधुनिक हथियारों से लैस माओवादी अपने नेता विकाश के नेतृत्व में सड़कों पर मोर्चा संभाले हुए हैं। इससे पहले, आदिवासियों ने मंगलवार रात लालगढ़ और बेलातिकिरी के माकपा कार्यालय में आग लगा दी थी । इन्होंने सड़क को खोदकर और पेड़ों को गिराकर आवागमन बाधित कर दिया है। इस बीच, अर्धसैनिक बलों की सात कंपनियां क्षेत्र में झारग्राम पहुंच गई हैं, इसमें कोबरा बटालियन की दो कंपनियां भी शामिल हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा त्नहम फिलहाल किसी जल्दी में नहीं हैं। स्थिति को अच्छी तरह से परखने के बाद ही हम कोई कदम उठाना चाहते हैं। नई दिल्ली में माकपा ने दोहराया है कि पश्चिम बंगाल सरकार हिंसा छोड़ने का वादा करने वाले किसी भी आदिवासी समूह से चर्चा करने को तैयार है। माकपा नेता वृंदा करात ने ममता बनर्जी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि लालगढ़ की हिंसा पर तृणमूल प्रमुख ने अब तक एक शब्द नहीं कहा है।
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